कविता

त्रेता के राम
त्रेता के राम का
कलयुग में क्या काम है
भ्रष्ट भारत दुनिया में
आज बदनाम है।
राम मत लेना जन्म
भारत की भूमि पर
यहाँ गांधी,अम्बेडकर
नेहरु तक बदनाम है।
परोस रहें है
झूठी ख़बरों की मिठाई
जिसने भी उठायी उंगली
काम तमाम है।
हम जैसा कहें,
सुनों ,गुनो और करो
जेल जाओ या मरो
हमें बहुत काम है।
आएं है रणबाँकुरे
सब कुछ बदल डाला
भ्रम में न रहें
पूंजीपति ही असली राम है।

 

कविता

यक्ष प्रश्न है आदिकाल से
नारी आज भी शोषित है
परिवार समन्वय मुश्किल है
आज भी नारी कुपोषित है ।

   

केशरी सिंह चिड़ार इंदौर

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